उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों के हुए तबादलों में गड़बड़ी का मामला तूल पकड़ गया है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, एसीएस गृह अवनीश अवस्थी और एसीएस आबकारी संजय भूसरेड्डी की कमेटी गठित कर दी है। उनसे दो दिन में जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने चार जुलाई को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया था कि चिकित्सा विभाग में बड़े पैमाने पर तबादले किए गए थे। इसमें कई तरह की गड़बड़ियां पाई गई हैं। ब्रजेश पाठक ने आपत्ति जताई थी कि तबादलों में स्थानांतरण नीति का पालन नहीं किया गया। उन्होंने पत्र में आपत्ति जताते हुए कहा था कि लखनऊ समेत कई जिलों से विशेषज्ञ डाक्टरों का तबादला कर दिया गया, जबकि उनके स्थान पर अन्य विशेषज्ञ डाक्टरों की तैनाती नहीं की गई। उप मुख्यमंत्री ने पूछा था कि इतने बड़े पैमाने पर तबादले करने के बाद प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को सुचारू रुप से चलाने के लिए क्या किया जा रहा है। इसके बारे में भी पूरा विवरण उपलब्ध कराएं। इस मामले में मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक कर अधिकारियों को तलब किया था। साथ ही एसीएस अमित मोहन प्रसाद से भी पूरी जानकारी मांगी गई थी। शासन के सूत्रों का कहना है कि अमित मोहन प्रसाद ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सभी तबादले नियमानुसार किए गए हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों को तलब कर पूरे प्रकरण की जानकारी की थी। अब मुख्यमंत्री ने तीन वरिष्ठ आईएएस की कमेटी बनाकर दो दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी है। इन तबादलों से डॉक्टरों में खासी नाराजगी व्याप्त हो गई है। चिकित्सा संघ ने भी इस पर आपत्ति जताई है।