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सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के सदस्य कौन हैं, क्यों किसान कर रहे है इनका विरोध?
2021-01-13 09:06:21
नई दिल्ली: कृषि कानून को लेकर रार बढ़ता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने भले ही तीनों कृषि कानून के अमल पर अभी रोक लगा दी हो लेकिन अब किसान नेता सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त चार सदस्यीय समिति पर सवाल उठा रहे हैं. किसान नेताओं ने साफ तौर पर कहा है वो इस समिति से बात नहीं करेंगे क्योंकि इन समिति के सदस्यों ने अतीत में नए कृषि कानून का समर्थन किया है. अब सवाल ऐसे में ये उठता है आखिर कैसे इस समस्या का समाधान निकलेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने गठित की है चार सदस्यों की समिति
सुप्रीम कोर्ट ने कल अपने आदेश में चार सदस्यों की समिति के गठन का निर्देश दिया है. ये समिति अगले 10 दिनों में अपना कामकाज शुरू करेगी और 2 महीनों में समिति अपनी रिपोर्ट देगी. समिति का सारा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी तो वहीं अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 8 हफ़्तों के बाद सुनवाई करेगा. समिति में भारतीय किसान यूनियन और आल इंडिया कोऑर्डिनेशन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान, कृषि अर्थशास्त्री और साउथ एशिया इंटरनेशनल फ़ूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ प्रमोद जोशी, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी व शेतकरी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवट शामिल हैं.
समिति से किसानों का बातचीत से इंकार
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति को लेकर किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि, वो पहले ही स्पष्ट कर चुके है कि वो किसी भी समिति से बातचीत नहीं करेंगे. वहीं, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि, जब तक कानून वापस नहीं होता तब तक किसानों की घर वापसी नहीं होगी और आंदोलन जारी रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने समिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि समिति के सदस्य लगातार इस बिल के समर्थन में बोलते रहे हैं.